रोग हो जाना चारागर को चाक भरे दिल के उम्र कभी। रोग हो जाना चारागर को चाक भरे दिल के उम्र कभी।
मेरे जज्बातों से खेलकर भी वो जश्न कोई मना न सके। मेरे जज्बातों से खेलकर भी वो जश्न कोई मना न सके।